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हर्ष फायरिंग की अनुमति है ही क्यों ?

हर्ष फायरिंग एक ऐसा शब्द जो पूरी तरह से निरर्थक कार्य कहा जा सकता है और इससे ख़ुशी जिसे मिलती हो मिलती होगी लेकिन लगभग 10 हर्ष फायरिंग १ जान तो ले ही लेती है ये अनुमान संभवतया लगाया जा सकता है .अभी हाल ही में कैराना ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की मतगणना के बाद हुई हर्ष फायरिंग में एक बच्चे को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया और  अभी ''हिसार में शादी के तैयारियों के बीच दुल्हन के दरवाजे पर हर्ष फायरिंग में गोली दूल्हे को जा लगी जिससे दूल्हा जख्मी हो गया। दूल्हे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।'' तब  भी इस पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया जा रहा जैसे की यह कोई बहुत आवश्यक कार्य हो जैसे किसी भी पूजा से पहले गणेश जी की पूजा ज़रूरी है ,जैसे रामायण पाठ से पहले हनुमान जी का आह्वान आवश्यक है वैसे ही लगता है कि ये हर्ष फायरिंग भी ख़ुशी के इज़हार का सबसे ज़रूरी कार्य है और भले ही कितने लोग इसके कारण शोक में डूब जाएँ लेकिन इसका किया जाना प्रतिबंधित नहीं किया जायेगा आखिर क्यों ? एक ऐसा कार्य जो खुशियों को मातम में बदल दे ,एक जीते जागते इंसान को या तो मौत के द्वार तक पहुंचा दे या फिर मौत क

कैसे माने कमतर शक्ति ,हर महिका सम नारी की .

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भावुकता स्नेहिल ह्रदय ,दुर्बलता न नारी की , संतोषी मन सहनशीलता, हिम्मत है हर नारी की . ....................................................................... भावुक मन से गृहस्थ धर्म की , नींव वही जमाये है , पत्थर दिल को कोमल करना ,नहीं है मुश्किल नारी की. .................................................................................. होती है हर कली पल्लवित ,उसके आँचल के दूध से , ईश्वर के भी करे बराबर ,यह पदवी हर नारी की . ................................................................................... जितने भी इस पुरुष धरा पर ,जन्मे उसकी कोख से , उनकी स्मृति दुरुस्त कराना ,कोशिश है हर नारी की . ......................................................................... प्रेम प्यार की परिभाषा को ,गलत रूप में ढाल रहे , सही समझ दे राह दिखाना ,यही मलाहत नारी की . ............................................................................... भटके न वह मुझे देखकर ,भटके न संतान मेरी , जीवन की हर कठिन डगर पर ,इसी में मेहनत नारी की . ....................................