कांग्रेस व् भाजपा से देश को मुक्ति .



१६ वीं लोकसभा चुनावों के परिणाम सामने आ गए. चारों तरफ भगवा ही भगवा छा गया.भारतीय जनता पार्टी में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी ,इतनी बड़ी जीत की आशा भाजपा को सपनों में भी नहीं थी फिर आम जनता में भी इस बात को लेकर चर्चा थी कि सुषमा स्वराज या लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में भी इस सफलता की आशा नहीं की जा सकती थी .वास्तव में इस जीत के एकमात्र हक़दार गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं जिन्होंने अपने अकेले दम पर पार्टी के घोषणापत्र से लेकर प्रचार-प्रसार का जिम्मा संभाला और जनता में अपने को लेकर यह विश्वास उत्पन्न किया कि वास्तव में अब ''अच्छे दिन आने वाले हैं ''और इस तरह मोदी ने अपने नाम की लहर से अपनी इतनी बड़ी पार्टी को जो अब तक नहीं मिला था वह दिलाया ''अपने दम पर बहुमत ''इसलिए लाख कोई इस जीत का सेहरा भाजपा के माथे पर बाँधे किन्तु वास्तविकता यह है कि मात्र कांग्रेस का ही इन चुनावों में खात्मा नहीं हुआ है वरन इन चुनावों में देश की दूसरी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पार्टी भाजपा का भी खात्मा हो गया है जिसको अब केवल मोदी की पार्टी के रूप में ही आगे पहचान मिलने वाली है क्योंकि जिसमे बगैर मोदी की इच्छा के अब पत्ता तक नहीं हिलने वाला है और अन्य किसी को इसमें कोई भूमिका नहीं मिलने वाली है और अपनी यह मंशा मोदी चुनावों में टिकट बाँटने तक में ज़ाहिर कर चुके हैं जिसमे उनके निर्णय के आगे किसी को मुंह खोलने तक की इज़ाज़त तक नहीं थी ,किसी की नाराज़गी की उनके लिए कोई कीमत नहीं थी .अपनी पार्टी को ही इस तरह एक तरफ रखकर मोदी ने आम जनता को वास्तव में दिखा दिया है कि ''अकेला चना भी भाड़ फोड़ सकता है .''और देश को जिस तरह के मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता थी वह मोदी के रूप में जनता के सामने स्वयं उपस्थित हो गया है .यह इस देश के लिए शुभ शगुन है क्योंकि भारतवर्ष वह देश है जहाँ जनता को अनुशासन में रखने के लिए एक तानाशाह की सख्त ज़रुरत है क्योंकि जनतंत्र में वह अनुशासन सिर पर से हट जाता है इसलिए इस देश का सत्यानाश यहाँ की जनता द्वारा ही जनतंत्र होने के कारण इसके मूल अर्थ मूर्खों के शासन होने के कारण किया गया है इसलिए उसी जनता ने अपनी गलती को स्वीकारते हुए स्वयं एक तानाशाह के हाथों में दे दिया है .ऐसे थोड़े ही भारतीय जनता को त्याग की महान मूर्ति कहा जाता है .इतने महान त्याग के लिए भारतीय जनता को नमन व् नरेंद्र मोदी को  एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य का प्रथम तानाशाह चुने जाने के लिए हार्दिक शुभकामनायें  

    शालिनी कौशिक
   [कौशल ]

टिप्पणियाँ

Bhagirath Kankani ने कहा…
जिसे देश ने चुना है, सर्व सम्मति से जो देश का प्रधान मंत्री बना है, उसे आपका तानाशाह कहना उचित नहीं लगा. किस आधार पर आप उन्हें तानाशाह कह रहीं हैं ?

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