धन्यवाद अजय राय जी

 
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[An FIR was filed on Monday against Congress' Varanasi nominee Ajay Rai on the directive of the Election Commission for allegedly violating the election code of conduct by wearing his party's poll symbol on his 'kurta' while going to vote.]
कल जैसे ही ये समाचार मिला कि वाराणसी मे कॉँग्रेस के उम्मीद्वार अजय राय पर बूथ में चुनाव चिन्ह लगाकर जाने के कारण ऍफ़.आई.आर .दर्ज़ हुई है तो मन न चाहते हुए भी खुश हो गया वैसे खुश नहीं होना चाहिए था किन्तु हमारे धर्मग्रन्थ भी जैसे को तैसा और ईंट का जवाब पत्थर से देने की ही नीति अपनाने की बात बताते हैं तो ऐसे में अजय राय ने हाथ चुनाव चिन्ह लगाकर भारतीय जनता पार्टी को इस सम्बन्ध में अपना मुंह खोलने को विवश कर दिया जो कि तब ,जब मोदी ने अरे भूल तो नहीं गए कोई बात नहीं १६ के बाद तो भूलना ही है उनके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने  कमल के साथ अपना फोटो खींचते हुए जो चुनाव आचार सहिंता की धज्जियाँ उड़ाई थी ,अपना मुंह  बंद कर बैठ गए थे .मोदी का मामला ये था .
An FIR was lodged against the Gujarat chief minister after he addressed a presser on April 30 outside a polling station in Ahmedabad's Gandhinagar constituency and had clicked a selfie with his party's symbol in his hand.

अब भाजपा चुनाव आयोग से अजय राय पर कार्यवाही के लिए कह रही है और कह रही है कि ये मामला उस मामले से अलग है .

BJP asks EC to take action against Ajay Rai

New Delhi, May 12 (IANS) Senior BJP leader Ravi Shankar Prasad Monday said the Congress candidate from Varanasi, Ajay Rai, flaunting the party symbol at a polling booth committed an "offence of the Model Code of Conduct" and asked the Election Commission to take cognizance of the matter.
["Modi was speaking to media with the lotus symbol beyond the prohibited zone of 300 metres, which is permissible. But in case of the Congress candidate in Kashi, Rai was inside the booth with hand (party) symbol. It is clearly an offence of the Model Code of Conduct," Prasad told a news channel here.]

रविशंकर प्रसाद के अनुसार मोदी और अजय राय का मामला अलग है और वे सही भी कह रहे हैं क्योंकि जो अभद्रता मोदी ने दिखाई थी अजय राय ने वह नहीं दिखाई .अजय राय केवल हाथ चुनाव चिन्ह लगाकर वहां गए जबकि मोदी के लिए यह एक अनोखी बात थी कि वे सबकी नज़रों में थे इसलिए वे कमल का चिन्ह हाथ में लेकर अपना मोबाईल  से फोटो खींच रहे थे ऐसे में दोनों मामलों को एक तो कहा ही नहीं जा सकता और रविशंकर प्रसाद आज तक पार्टी में प्रवक्ता और स्थिर क्यूँ हैं यह भी समझ में आ गया क्योंकि इनकी ही पार्टी के वरिष्ठ व् बुद्धिमान होने के कारण एक तरफ किये गए मुरली मनोहर जी ने ही इस बात को एक ''छोटी बात '' कहकर नज़रअंदाज़ कर दिया और कह दिया कि अब हाथ तो सबके पास होते हैं तो क्या उन्हें काट देंगे .,ये इतनी सी बात अन्य बबाल खड़े करने वाले भाजपाइयों की समझ में नहीं आती और ये ही बात इनकी उस तड़प को ज़ाहिर करने के लिए पर्याप्त है जो सत्ता की लालसा में इनमे बढ़ती ही जा रही है .इसलिए इस तड़प को और बढ़ाने के लिए और भाजपाइयों को उनकी ही भाषा में जवाब देने के लिए अजय राय जी का बहुत बहुत शुक्रिया .ये तो हम सभी जानते हैं कि भाजपाइयों के ये हाल ज़रा ज़रा सी बात पर क्यूँ हो जाते हैं क्योंकि हम कॉंग्रेसी वे हैं जो -
''हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम ,
 वे क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती .''

शालिनी कौशिक 
   [कौशल ]

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